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ईसबगोल की भूसी ठंडी होती है या गर्म |
ईसबगोल की भूसी ठंडी होती है या गर्म : ईसबगोल की भूसी आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में एक अत्यंत प्रभावी औषधि मानी जाती है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में उपयोग की जाती है। जब बात इसके स्वभाव (गुण) की होती है, तो ईसबगोल की भूसी को ठंडी प्रकृति का माना जाता है। इसका मतलब है कि यह शरीर को ठंडक प्रदान करती है और गर्मी से संबंधित समस्याओं में विशेष रूप से लाभकारी होती है। ईसबगोल की भूसी पाचन तंत्र को शांत करती है और शरीर में उत्पन्न अतिरिक्त गर्मी को कम करने में मदद करती है।
इसकी ठंडी तासीर के कारण, इसे एसिडिटी, पेट में जलन, और गर्मी के कारण होने वाली समस्याओं जैसे बवासीर (पाइल्स), दस्त (डायरिया), और पेशाब में जलन को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। ईसबगोल का सेवन आमतौर पर ठंडे पानी, दूध, या दही के साथ किया जाता है, जो इसके ठंडे गुणों को और बढ़ाता है। यह शरीर को ठंडा रखते हुए पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।
हालांकि, इसका सेवन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि यह अत्यधिक ठंडी तासीर वाला है, इसलिए सर्दियों में या ठंडे इलाकों में इसका अधिक सेवन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। ठंड के मौसम में इसे गुनगुने पानी या गर्म दूध के साथ लेना बेहतर होता है। वहीं, गर्मी के मौसम में इसे ठंडे पानी के साथ लिया जा सकता है ताकि शरीर में ठंडक बनी रहे।
ईसबगोल की भूसी का स्वभाव ठंडा होता है, और यह शरीर को ठंडक प्रदान करने में मदद करती है। इसे अपने पाचन स्वास्थ्य को सुधारने और गर्मी से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। लेकिन इसका उपयोग हमेशा मौसम और शरीर की प्रकृति को ध्यान में रखकर करना चाहिए। किसी भी समस्या या संदेह होने पर डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर होता है।
ईसबगोल की भूसी ठंडी होती है या गर्म: जानें इसके फायदे और सही उपयोग
ईसबगोल की भूसी का उपयोग आयुर्वेद में पाचन तंत्र को सुधारने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। यह भूसी पौधे के बीज से तैयार की जाती है और इसे प्राकृतिक फाइबर का उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है। जब बात ईसबगोल की तासीर (प्रकृति) की होती है, तो इसे ठंडी तासीर वाला माना जाता है। इसका अर्थ है कि ईसबगोल का सेवन शरीर को ठंडक प्रदान करता है और यह गर्मी से होने वाली समस्याओं को दूर करने में प्रभावी है।
ईसबगोल की तासीर ठंडी क्यों मानी जाती है?
ईसबगोल में जल को अवशोषित करने और उसे जेल जैसा पदार्थ बनाने की क्षमता होती है। इसका यह गुण पाचन तंत्र को शांत करता है और पेट की गर्मी को कम करता है। गर्मी के कारण होने वाली समस्याओं जैसे एसिडिटी, पेट में जलन, और पेशाब में जलन को शांत करने में ईसबगोल अत्यधिक लाभकारी है।
गर्मी के मौसम में इसका सेवन शरीर को ठंडक पहुंचाने और गर्मी से संबंधित रोगों को कम करने के लिए किया जाता है। इसे ठंडे पानी, दही, या दूध के साथ लेने से इसका ठंडक प्रदान करने वाला प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।
ईसबगोल की ठंडी तासीर के फायदे
पाचन सुधारता है:
ईसबगोल कब्ज, गैस, और एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देता है। इसकी ठंडी तासीर पेट की गर्मी को कम करती है और पाचन तंत्र को संतुलित करती है।गर्मी के प्रभाव को कम करता है:
शरीर में गर्मी बढ़ने से होने वाली समस्याओं जैसे पेट में जलन और पेशाब में जलन को दूर करने में मददगार।पाइल्स और बवासीर में लाभकारी:
इसकी ठंडी तासीर पाइल्स (बवासीर) के कारण होने वाली जलन और दर्द को शांत करती है।डायरिया में उपयोगी:
डायरिया (दस्त) के दौरान इसे दही के साथ लेने से पाचन तंत्र को ठंडक मिलती है और शरीर की गर्मी कम होती है।
ठंडे और गर्म मौसम में ईसबगोल का सही उपयोग
- गर्मी के मौसम में: ठंडे पानी, दही, या ठंडे दूध के साथ ईसबगोल का सेवन करें।
- सर्दी के मौसम में: इसे गुनगुने पानी या गर्म दूध के साथ लें, ताकि इसकी ठंडी तासीर का शरीर पर विपरीत प्रभाव न पड़े।
ईसबगोल का सेवन कैसे करें?
- एक गिलास पानी, दूध, या दही में 1-2 चम्मच ईसबगोल मिलाएं।
- इसे तुरंत पी लें, क्योंकि यह जल्दी गाढ़ा हो जाता है।
- बेहतर परिणाम के लिए रात को सोने से पहले इसका सेवन करें।
सावधानियां
- ईसबगोल का अत्यधिक सेवन ठंड के मौसम में शरीर को अधिक ठंडा कर सकता है।
- गर्भवती महिलाएं या गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोग इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से करें।
- इसे लेने के बाद पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि यह प्रभावी ढंग से काम कर सके।