देहरादून में बड़ा क्रिप्टो घोटाला |
देहरादून, दिसंबर 2024 : देहरादून के राजपुर क्षेत्र में "माय फॉरेक्स अड्डा" नामक कंपनी द्वारा क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। कंपनी की संस्थापक मुनेजा मुश्ताक और उनके सहयोगियों पर 1.85 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है।
अनम फातिमा नाम की एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने बताया कि कंपनी ने निवेशकों को 30% मासिक रिटर्न का वादा करके पैसे निवेश करवाए। शुरुआत में कुछ रिटर्न दिए गए, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा। लेकिन बाद में उन्होंने भुगतान रोक दिया और कई झूठे वादे किए।
शिकायत के अनुसार, पीड़िता ने अपने और अपने जानने वालों के माध्यम से ₹88,55,980 का निवेश करवाया। कंपनी ने समय-समय पर भुगतान में देरी के बहाने बनाए। उन्होंने फर्जी चेक दिए, जो बैंक में बाउंस हो गए, और फर्जी ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट शेयर किए।
जब निवेशकों ने दबाव बनाया, तो कंपनी ने आरबीआई और जीएसटी जांच का हवाला देते हुए पैसे रोकने की बात कही। पीड़िता ने बताया कि कंपनी ने धमकी दी कि "क्रिप्टो के मामलों में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।"
शिकायत में यह भी कहा गया है कि आरोपी देश छोड़ने की योजना बना सकते हैं। इस मामले को लेकर राजपुर पुलिस स्टेशन के साथ-साथ मुख्यमंत्री कार्यालय, आरबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को भी सूचित किया गया है।
यह मामला क्रिप्टो निवेश में जोखिम और सुरक्षा उपायों की जरूरत को उजागर करता है। पुलिस से जल्द कार्रवाई की मांग की जा रही है।
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देहरादून में बड़ा क्रिप्टो घोटाला: निवेशकों से करोड़ों की ठगी
देहरादून, दिसंबर 2024 – देहरादून के राजपुर क्षेत्र में "माय फॉरेक्स अड्डा" नामक कंपनी द्वारा निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला उजागर हुआ है। इस घोटाले में कंपनी की संस्थापक मुनेजा मुश्ताक और उनके सहयोगियों पर 1.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।
30% रिटर्न का झांसा
अनम फातिमा नामक पीड़िता द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार, कंपनी ने निवेशकों को 30% मासिक रिटर्न का लालच देकर उनसे पैसा निवेश करवाया। प्रारंभ में कुछ निवेशकों को रिटर्न देकर उनका विश्वास जीत लिया गया। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, कंपनी ने भुगतान बंद कर दिए और झूठे बहाने बनाकर उन्हें टालने लगी।
फर्जी चेक और ट्रांजैक्शन का खेल
शिकायत में कहा गया है कि पीड़िता ने अपने और अपने परिचितों के माध्यम से कंपनी में ₹88,55,980 का निवेश किया। लेकिन कंपनी ने समय-समय पर फर्जी चेक दिए, जो बैंक में बाउंस हो गए। इसके साथ ही, निवेशकों को फर्जी ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट भेजकर उन्हें गुमराह किया गया।
पुलिस कार्रवाई से बचने का दावा
जब निवेशकों ने अपने पैसे वापस मांगने के लिए दबाव डाला, तो कंपनी ने आरबीआई और जीएसटी जांच का हवाला देकर भुगतान रोकने की बात कही। इतना ही नहीं, उन्होंने धमकी दी कि "क्रिप्टो मामलों में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।"
देश छोड़ने की योजना का शक
शिकायत के अनुसार, आरोपियों के देश छोड़ने की आशंका है। इस मामले में पीड़िता ने मुख्यमंत्री कार्यालय, आरबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को भी शिकायत की है।
क्रिप्टो निवेश में सावधानी की जरूरत
यह घटना क्रिप्टोकरेंसी निवेश से जुड़े जोखिमों और घोटालों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशकों को किसी भी स्कीम में निवेश से पहले उसकी प्रामाणिकता की पूरी जांच करनी चाहिए।
पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग
राजपुर पुलिस स्टेशन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पीड़ितों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
देहरादून में सामने आया यह घोटाला क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिम और कानून की अनदेखी का बड़ा उदाहरण है। निवेशकों को इस मामले से सीख लेते हुए सतर्कता बरतने की जरूरत है।