Kanguva फिल्म कमाई हो सकती है बे हिसाब जानिए यहां

कंगुवा" की कहानी दो समय-रेखाओं पर आधारित

फिल्म "कंगुवा" की कहानी, कलाकारों, निर्देशन, सिनेमैटोग्राफी और अन्य पहलुओं पर गहराई से चर्चा करेंगे। आइए इसे एक व्यापक समीक्षा के रूप में देखें। "कंगुवा" एक 2024 में रिलीज होने वाली तमिल भाषा की पीरियड फैंटेसी एक्शन फिल्म है, जिसका निर्देशन सिरुथई शिवा ने किया है। फिल्म में सूर्या, दिशा पाटनी, और बॉबी देओल प्रमुख भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म अपनी भव्यता, विजुअल इफेक्ट्स और पौराणिक कथाओं से प्रेरित कहानी के कारण चर्चा में है। "कंगुवा" एक ऐसी फिल्म है जो ऐतिहासिक और आधुनिक युग के बीच की कड़ी को एक काल्पनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है।

कहानी

"कंगुवा" की कहानी दो समय-रेखाओं पर आधारित है, जिसमें एक प्राचीन योद्धा की साहसिक यात्रा और वर्तमान समय में उससे जुड़े रहस्यों को उजागर किया गया है। फिल्म की शुरुआत एक रहस्यमय प्राचीन सभ्यता के साथ होती है, जहां सूर्या द्वारा निभाए गए किरदार को एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में दिखाया गया है। यह योद्धा अपने कबीले और प्रेमिका की रक्षा के लिए लड़ाई करता है, लेकिन उसकी किस्मत में कुछ ऐसा होता है जो उसे अमरता और पुनर्जन्म के रहस्य से जोड़ता है।

दूसरी ओर, वर्तमान समय में एक पुरातत्वविद (दिशा पाटनी) एक प्राचीन मंदिर के खंडहरों में ऐसे सुराग खोजती है जो प्राचीन योद्धा की गाथा से जुड़े होते हैं। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, हमें पता चलता है कि अतीत और वर्तमान के पात्र कैसे आपस में जुड़े हुए हैं और किस प्रकार उनकी किस्मत एक-दूसरे से प्रभावित होती है।

कलाकारों का प्रदर्शन

सूर्या ने मुख्य भूमिका में एक बार फिर से अपने अभिनय कौशल का प्रदर्शन किया है। उन्होंने प्राचीन योद्धा और आधुनिक समय के एक रहस्यमयी किरदार दोनों को बड़ी कुशलता से निभाया है। सूर्या की बॉडी लैंग्वेज और एक्शन सीक्वेंस दर्शकों को बांधे रखने में सफल रहे हैं।

दिशा पाटनी का किरदार फिल्म में थोड़े सीमित समय के लिए है, लेकिन उनकी उपस्थिति कहानी में एक ताजगी लाती है। हालांकि, उनके किरदार को और अधिक विस्तार दिया जा सकता था। बॉबी देओल, जो इस फिल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। उनके किरदार को एक सशक्त खलनायक के रूप में प्रस्तुत किया गया है, लेकिन आलोचकों के अनुसार उनके अभिनय में वह गहराई नहीं दिखी जिसकी अपेक्षा थी।

निर्देशन और पटकथा

सिरुथई शिवा ने फिल्म के निर्देशन में काफी मेहनत की है। "कंगुवा" की पटकथा को इस तरह से लिखा गया है कि यह प्राचीन पौराणिक कथाओं और आधुनिक समय की कहानी को आपस में जोड़ती है। हालांकि, कुछ दर्शकों ने यह महसूस किया कि फिल्म की गति थोड़ी धीमी है और कहानी कई जगहों पर खिंची हुई लगती है।

सिनेमैटोग्राफी और विजुअल इफेक्ट्स

फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसकी सिनेमैटोग्राफी और विजुअल इफेक्ट्स हैं। प्राचीन सभ्यता को जीवंत करने के लिए फिल्म निर्माताओं ने भव्य सेट और कंप्यूटर-जनित ग्राफिक्स का शानदार उपयोग किया है। लड़ाई के दृश्य और प्राकृतिक दृश्यावली को इतनी खूबसूरती से फिल्माया गया है कि यह दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। हालांकि, कुछ समीक्षकों का मानना है कि भारी-भरकम वीएफएक्स के बीच फिल्म की कहानी थोड़ी गुम सी हो जाती है।

संगीत और बैकग्राउंड स्कोर

"कंगुवा" का संगीत दर्शकों को फिल्म के माहौल में डुबोने में सफल रहा है। देवी श्री प्रसाद द्वारा रचित संगीत में पारंपरिक और आधुनिक धुनों का संगम देखने को मिलता है। बैकग्राउंड स्कोर भी एक्शन दृश्यों और भावनात्मक पलों को उभारने में सहायक है, लेकिन कई बार यह इतना ऊंचा होता है कि संवाद सुनने में कठिनाई होती है

फिल्म की कमजोरियाँ

कुछ दर्शकों ने महसूस किया कि फिल्म की कहानी जटिल है और इसे समझने के लिए दर्शकों को काफी ध्यान देना पड़ता है। फिल्म की लंबाई भी एक समस्या है। कई दृश्यों को छोटा किया जा सकता था ताकि फिल्म की गति को बनाए रखा जा सके। दिशा पाटनी और बॉबी देओल जैसे सहायक कलाकारों को उनकी पूरी क्षमता के अनुसार उपयोग नहीं किया गया।

फिल्म की ताकत

  1. सूर्या ने अपनी भूमिका में जान डाल दी है, जिससे उनके प्रशंसक निश्चित रूप से खुश होंगे।
  2. फिल्म का प्रोडक्शन डिज़ाइन, सेट और सिनेमैटोग्राफी इसे एक विजुअल ट्रीट बनाते हैं।
  3. फिल्म में पौराणिक और फैंटेसी तत्वों का मिश्रण है, जो इसे सामान्य एक्शन फिल्मों से अलग बनाता है।

"कंगुवा" एक ऐसी फिल्म है जो बड़े पैमाने पर बनाई गई है और इसमें सूर्या का दमदार अभिनय, भव्य विजुअल्स और एक्शन दृश्यों का मेल है। हालांकि, फिल्म की धीमी गति और जटिल कहानी कुछ दर्शकों के लिए निराशाजनक हो सकती है। यदि आप सूर्या के प्रशंसक हैं और फैंटेसी फिल्मों में रुचि रखते हैं, तो "कंगुवा" आपको पसंद आ सकती है। लेकिन अगर आप एक सरल और तेज गति वाली फिल्म की तलाश में हैं, तो यह फिल्म आपके लिए नहीं हो सकती।

रेटिंग: 3/5

फिल्म "कंगुवा" उन दर्शकों के लिए एक बेहतरीन अनुभव हो सकती है जो भव्य दृश्यों और पौराणिक कथाओं के प्रशंसक हैं, लेकिन इसे देखने से पहले इसकी लंबाई और कहानी की जटिलता को ध्यान में रखना जरूरी है।

Krishna Kumar journalist

कृष्णा कुमार, एक पत्रकार के रूप में, आप अपनी गहरी दृष्टि और सटीक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। आपने अपने करियर में अनेक सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक मुद्दों पर महत्वपूर्ण लेखन और रिपोर्टिंग की है, जिसमें निष्पक्षता और संवेदनशीलता प्रमुखता से नजर आती है। पत्रकारिता के सिद्धांतों का पालन करते हुए, आप समाज को जागरूक करने और सटीक जानकारी पहुँचाने में योगदान दे रहे हैं, जिससे आपके पाठक घटनाओं की व्यापक समझ विकसित कर पाते हैं।

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