पहाड़ के बुजुर्गों की स्थिति को बयां करने के लिए गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने गाया अपना गीत

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर हेल्पएज इंडिया
अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर हेल्पएज इंडिया
अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर हेल्पएज इंडिया : दून पुस्तकालय के सभागार में मंगलवार को हेल्प एज इंडिया संस्था ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर एक सारगर्भित कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में समाज और परिवार से अलगाव महसूस करने वाले वृद्धों के लिए सार्थक एवं सकारात्मक कदमों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। इसके बाद शुरू हुई पैनल चर्चा में "वृद्धो की चुनौतियों से निपटने में नीति और कानून" पर गहन परिचर्चा की गयी। इस चर्चा में वरिष्ठ वकील व सामाजिक कार्यकर्ता रेणु डी. सिंह, दून विश्वविद्यालय के अतिथि प्राध्यापक प्रोफे. हर्ष डोभाल और वरिष्ठ पत्रकार रमेश क़ुड़ियाल शामिल हुए। 

 इस दौरान "समाधान" संस्था की संस्थापक एंव सीनियर एडवोकेट रेणु डी. सिंह ने कहा कि वृद्धावस्था में उम्र के इस नाज़ुक पड़ाव पर व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर पड़ जाता है इसीलिए उन्हें मेंटली सपोर्ट देना बहुत जरूरी है। वहीं हम देखते हैं कि वृद्धजनों को मोबिलिटी की परेशानी से लेकर उनके संपत्ति हड़पने के मामले भी कई सामने आते हैं, यहां तक कि अकेली वृद्ध महिलाओं को यौन शोषण भी झेलना पड़ता है। 

इसलिए उनके लिए नेशनल पॉलिसी फॉर ओल्ड पर्सन के तहत ऐसे सिस्टम का निर्माण किया जाना चाहिए जिससे जरूरत पड़ने पर उन्हें तत्काल मदद मिल सके। उन्होंने बताया कि कोई भी वृद्ध महिला उनकी संस्था द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 9012511119 पर जरूर पड़ने पर सहायता ले सकती हैं। वरिष्ठ पत्रकार रमेश कुड़ियाल ने कहा कि वृद्धावस्था में व्यक्ति अकेला हो जाता है इसलिए उनके लिए सामुदायिक भवन, मनोरंजन के साधन आदि की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि वह भी हमउम्र लोगों से अपना सुख- दुख बांट सके।

प्रोफेसर हर्ष डोभाल ने कहा कि शहरीकरण और पश्चिमीकरण

 प्रोफेसर हर्ष डोभाल ने कहा कि शहरीकरण और पश्चिमीकरण के चलते अब इनका असर हमारे परिवार पर भी पढ़ रहा है। संयुक्त परिवार अब एकल परिवार में तब्दील हो चुका है और बुजुर्गों से उन्हीं के बच्चे दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों में सामाजिक चेतना जागने के साथ-साथ सरकार को जर्मनी, स्वीडन और जापान जैसे देशों में वृद्धों के लिए बनाई गई नीतियों का अनुसरण करना चाहिए।

 इस चर्चा इंडियन आर्मी की तैयारी करने वाले युवाओं के आदर्श और मार्गदर्शक कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि बुजुर्गों के अनुभवों से हमें हमेशा सीखने की जरूरत होती है क्योंकि वह हमारे साथ उस घर की छत की तरह होते हैं जो सर्दी- गर्मी से हमारी रक्षा करती है। ऐसे ही बड़े बुजुर्ग हमारे सामने ढाल बनकर खड़े होते हैं।

कार्यक्रम में मौजूद गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने पहाड़ के पलायन के चलते अकेले रहने वाले वृद्धों के हालातों को बयां करने के लिए अपने कुछ पुराने गीत भी गुनगुनाएं हैं। बुजुर्गों के लिए अपनी युवावस्था में गाए गए नरेंद्र सिंह नेगी के गाने ने कार्यक्रम में मौजूद वृद्धो से लेकर युवाओं तक के दिलों को छू लिया।

 उन्होंने गीत गाया जिसमें 'तुमरी खुद कै थे नि लगणी, 'पेल्या-पेल्या..जख तलक साख्यू निभेल्या..." जीवटता भरे जीवन में पहाड़ के रहने वाले बुजुर्ग अपनी पोती-पोते को कंधे पर बैठ कर घूमने के लिए ले जाते थे लेकिन आज पलायन के कारण गांव में सिर्फ पुराने घर और बूढ़े लोग ही सिर्फ गांव में रह गए हैं। पहाड़ के वीरान पड़े उन घरों में तन्हा रहने वाले बुजुर्गों की व्यथा को दर्शाने के लिए यह गीत बहुत सार्थक था।

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर हेल्पएज इंडिया

 हेल्प एज इंडिया संस्था के राज्य प्रमुख चैतन्य उपाध्याय ने कहा कि यह संस्था पिछले 46 सालों से बुजुर्गों के स्वास्थ्य और विकास के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इंसान का उम्र बढ़ना स्वाभाविक होता है, हर किसी को बूढ़ा होना है इसलिए उस अवस्था पर विचार मंथन करना जरूरी है क्योंकि हम सभी को उस उम्र में जाना है। 

उन्होंने कहा कि साल 2050 तक भारत में वृद्धों की जनसंख्या 20 फीसद होगी इसलिए उनके लिए सामाजिक, आर्थिक और व्यवहारिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए सभी के प्रयास जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज समाज में बुजुर्ग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं, अतः उनके लिए होने वाले कामों में गति लाने के लिए राज्य में अलग से वरिष्ठ नागरिक निदेशालय की स्थापना करने की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम में कृष्ण अवतार, वैभव बिष्ट, रोहित पंवार, अंजलि, डॉ अंशिका, प्रेम और शाकिब मौजूद रहे।

Krish Bankhela

I am 23 years old, I have passed my master's degree and I do people, I like to join more people in my family and my grandmother, I am trying to learn new every day in Pau. And I also learn that I love to reach my knowledge to people

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