सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें |
अक्सर भक्तों का यह प्रश्न होता है की सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें भक्त अपने लड्डू गोपाल को एक क्षण मात्र के लिए भी दूर नहीं होना चाहते हैं ऐसे में आज हम आपको सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें के बारे में सम्पूर्ण जानकारी बताने वाले हैं आपको यह जानकर ख़ुशी होगी की सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें।
सूतक क्या होता है और कैसे लगता है
हिन्दू धर्म सबसे बड़ा धर्म है और लोग पुराने समय से पूजा पाठ करते चले आये हैं जिसके पीछे आज तक बैज्ञानिक भी इस बात का पत्ता नहीं लगा पाए हैं की कैसे मान्यताएं कार्य करती हैं. दरअसल हम अगर सूतक की बात करें तो सूतक धार्मिक शास्त्रों में वर्णिंत है इस काल में मनुष्य को पूजा करने से वर्जित रखा गया है।
यह सूतक दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक होता है सूतक के विषय में यह माना जाता है कि यह एक अशुभ काल होता है। इसलिए इस समय ना पूजा की जाती है और ना ही देव दर्शन किये जाते हैं। धार्मिक नियमों के अनुसार सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पूर्व ही सूतक लग जाता है, इस कारण मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते हैं।
सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें
जैसा की आपको पत्ता है ही सूतक में सारे मंदिर बंद हो जाते हैं और मनुष्य को पूजा से वर्जित रखा जाता है ऐसे में आपको लड्डू गोपाल की पूजा करने के लिए सिर्फ एक रास्ता बचता है सूतक में आप अपने लड्डू की सेवा करने के लिए आप अपने मन से पूरा ध्यान लड्डू गोपाल की और लगा दीजिये और उनका स्मरण करते हुए ध्यान मग्न हो जाईये उनसे संपर्क कीजिये और अपना मन उनकी सेवा में लगा दीजिये। ऐसे में आप अपने लड्डू गोपाल की सेवा सूतक में भी कर सकते हैं।
यदि हम अपने शरीर पर गौर करें तो पायेंगे की किसी भी तरह का पदार्थ जब शरीर से निकलता है तो वो दूषित माना जाता है जैसे मल त्याग करना, उल्टी करना इत्यादि। उसी आधार पर मासिक धर्म के कुछ दिन जब स्त्रियों में यह होता है, तो उन्हें दूषित माना जाता है और पूजा-पाठ जैसे शुभ कार्य उनके लिए वर्जित बताये गए हैं।