यहाँ आज हम आपको प्रेगनेंसी में पेट में लकीर का मतलब व प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना जैसे लक्षणों के बारे में बता रहें हैं। जिसका नाम लीनिया नाइग्रा भी कहा जाता है। जो की प्रेगनेंसी के बाद लगभग एक साल बाद खुद गायब हो जाती है। आज यहाँ आप इसी के बारे में जानगे की कैसे यह लकीर बन जाती है। और यह क्यों बनती है जानिए सब यहाँ।
प्रेगनेंसी में पेट में लकीर का मतलब
आपने देखा होगा की प्रेगनेंसी में पेट के नीचे तक एक लकीर जाती है जिसकी सुरुवात छाती से शुरू होती है। जो एक गहरी काली लाइन है जिसे लीनिया नाइग्रा कहा जाता है यह प्रेगनेंसी में पेट में लकीर बनती है इससे आपकी मांशपेशियां जुडी होती हैं सामान्य रूप से यह गहरी काली रंग की होती है। इस रेखा का रंग बदलना मेलेनिन से होता है। इस लाइन का आपकी पेट पर होना एक सामान्य प्रक्रिया होता हैं जिससे की यह स्वाभाविक है की प्रेगनेंसी में ऐसी गहरी काली लाइन का दिखना प्राकृतिक है हालाँकि यह कुछ महिलाओं में नहीं दिखती है।
आप चाहते हैं प्रेगनेंसी में पेट में लकीर को मिटाना तो आप इसमें निम्बू का उपयोग कर सकते हैं इसकी मदद से यह रेखा साफ हो जाती हैं इसका रंग फीका पड जाता है। आप इसमें नारियल तेल भी लगा सकते हैं इससे भी यह रेखा गायब हो जाती है। इसके साथ-साथ आप ज्यादा धूप में इसे न ले जाएँ इससे यह काला और अधिक गहरा काला हो सकता है।
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प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना
अधिकतर महिलाओं में यह देखा गया की प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना आम बात हो जाती है ऐसा तब होता है जब पेट में भूर्ण का बिकास होता हैं तो नाभि के आसपास में कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं इसका आकार बढ़ जाता है ,इसमें काली लकीर बन जाती है दर्द होना शुरू हो जाता है ऐसा इसलिए होता है की आपके पेट भूर्ण का आकार बढ़ने लगता है जिससे काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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