प्रेगनेंसी में पेट में लकीर का मतलब लिनिया नाइग्रा (Linea Nigra) अक्सर प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में नजर आती है। डिलीवरी के करीब एक साल बाद ये रेखा खुद ही गायब हो जाती है। इसे प्रेगनेंसी लकीर भी कहा जाता है। प्रेगनेंसी में छाती से होते हुए पेट के नीचे तक जाती हुई गहरी काली लकीर को लिनिया नाइग्रा (Linea Nigra) कहा जाता है। लिनिया नाइग्रा ज्यादातर प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में नजर आती है। इसेप्रेगनेंसी में पेट में लकीर का मतलब प्रेगनेंसी लकीर भी कहा जाता है। डिलीवरी के करीब एक साल बाद ये रेखा खुद ही गायब हो जाती है।
दरअसल लिनिया नाइग्रा वास्तव में गहरे रंग की लिनिया अल्बा है, जो पहले से ही आपके पेट पर मौजूद होती है. ये रेखा वास्तव में पीलापन लिए होती है. प्रेगनेंसी से पहले ये न के बराबर दिखती है और प्रेगनेंसी के दौरान अचानक उभर आती है.
इसलिए दिखती है लिनिया नाइग्रा
लिनिया अल्बा वो जगह होती है जहां पेट की मांसपेशियां कनेक्टिव टिश्यू से मिलती हैं. सामान्यतः इसका रंग बहुत हल्का होता है, इसलिए इसकी ओर हमारा ध्यान नहीं जाता. लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से इसका रंग गहरा होने लगता है. दूसरी तिमाही तक आते-आते एस्ट्रोजन ऊपर चला जाता है जिससे अतिरिक्त मेलेनिन स्रावित होने लगता है. मेलेनिन की वजह से इस रेखा के रंग में कालापन आ जाता है और ये पेट पर दिखने लगती है.
हर महिला के नजर आए, ये जरूरी नहीं
लिनिया नाइग्रा का उभरना एक सामान्य प्रक्रिया है. इससे कोई नुकसान नहीं होता. लेकिन ये जरूरी नहीं कि ये रेखा हर गर्भवती के पेट पर उभरकर सामने आए. कुछ मामलों में यदि मेलेनिन की मात्रा कम होती है, तो ये रेखा गहरी नहीं पड़ती है. इसे रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन कुछ घरेलू नुस्खों के जरिए इसकी डार्कनेस को कम जरूर किया जा सकता है. नींबू का रस त्वचा पर हाइपरपिगमेंटेशन को हल्का करके त्वचा को चमकदार बनाने में मददगार है. इसके रंग को फीका करने के लिए आप नींबू के रस को इस पर लगा सकती हैं. नारियल का तेल लगा सकती हैं, लेकिन कोई रासायनिक क्रीम या ब्लीच न लगाएं. ये हानिकारक भी हो सकता है.
फिर भी सुरक्षा के लिए कुछ भी पेट पर इस्तेमाल करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरूर कर लें. धूप के संपर्क में न लाएं. धूप से त्वचा में कालापन बढ़ जाता है. इससे लिनिया नाइग्रा का रंग और गहरा दिखने लगेगा.