दारू हल्दी के फायदे : यह दारू हल्दी का पेड़ पर्वतीय इलाकों में पाया जाता है इसमें आयुर्वेदिक गुण भरपूर मात्रा में विद्यमान है जिसको आयुर्वेद में काफी जगह उसे किया जाता है इसे आमतौर पर उत्तराखंड के पहाड़ों में किरमोड भी कहा जाता है। इसके दाने जब कच्चे होते हैं तब हरे रंग के होते हैं और पकने पर नीले रंग के हो जाते हैं इसके पत्तों का साथ भी खट्टा होता है और इस पर लगे जो फल होते हैं उनका स्वाद खट्टा मीठा होता है अमूमन लोग इसकी फलों को कहते हैं इसके फलों को खाने का तरीका अलग है नमक मिर्च एवं तेल के साथ इस खाया जाता है या फिर आप बिना नमक मिर्च और तेल के भी इसे खा सकते हैं।
यह पेड़ कटीला होता है और हिमालय क्षेत्र में अधिक मिलता है ज्यादातर यह ठंडे इलाकों में पाया जाता है यदि आप पहाड़ों की सैर कर रहे हैं तो आपको यह पेड़ देखने को मिल जाएगा इसमें भी अलग-अलग प्रकार के वैरायटी होती है।
- दारुहरिद्रा
- मांगल्यकी जड़म्
- वनमांगल्या
आयुर्वेद में से दारू हरिद्रा के रूप में जाना जाता है। इसके सेवन से आप बुखार जोड़ों में दर्द डायबिटीज, सुजन इत्यादि में लाभ प्राप्त होता है।
दारू हल्दी के फायदे
दारू हरिद्रा यानी दारू हल्दी जिसे आप किरमोड़ के नाम से जानते हैं इसका उपयोग मधुमेंह, बुखार, सूजन को ठीक करने के अलावा सर्दी जुकाम, मुंह के का, गंदा खून में लाभदायक है। इसके जड़ को निकाल करके और इसका धूम्रपान करने से आपको सर्दी जुकाम तुरंत ठीक हो जाता है। इसे होने वाले अन्य फायदे निम्नलिखित हैं।
- साइनस में दारू हल्दी फायदे देता है।
- खून की गंदगी को साफ करता है दारू हल्दी।
- दारू हल्दी कुष्ठ रोग में रामबाण है।
- इसके सेवन से पेट सम्बन्धित समस्याएं ठीक होती हैं।
आप इसका सेवन काढ़ा बनाकर एवं पेस्ट बनाकर तथा धुएं के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं जिसके बेनिफिट आपको बहुत ही मिलने वाले हैं यदि आपको इसके बारे में अधिक पता नहीं है और जानने की कोशिश कर रहे हैं तो हमें ईमेल लिखें हम आपको इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताएंगे यदि आपको इसमें संकोच लगता है तो आप अपने नजदीकी किसी आयुर्वेदिक वजह से इसके बारे में परामर्श जरूर लें।