दबी हुई नस खोलने के उपाय : वर्तमान समय में खराब खानपान की वजह से बहुत से लोगों को कई तरह की बीमारियां व समस्यांए हो रही हैं। इन समस्याओं में से एक दबी हुई नस भी शामिल है। आज हम यहाँ आपको दबी हुई नस खोलने के उपाय बताएँगे जिसको यह समस्या है वह जानता है की इस समस्या में काफी तेज दर्द और ऐंठन होती है इससे आपको जल्दी निजात नहीं मिल पता है यह बहुत दिनों तक बनी रहती है। ऐसे में आपको कुछ घरेलु उपचार भी करने चाहे हालाँकि डॉक्टर की सलाह सर्वोपरि है। तो चलिए जानते हैं दबी हुई नस खोलने के उपाय क्या क्या हैं।
दरअसल डॉक्टर्स का कहना है की नसों में ब्लड का सर्कुलेशन नहीं होने की वजह से यह नसें दब जाती हैं। दबी हुई नस का मुख्य कारण नसों पर किसी वजह से दवाब व खून जमने की वजह से हो सकता है। और इसके अन्य कारण भी शामिल भी हो सकते हैं जिसका पता आपको डॉक्टर द्वारा किये गए टेस्ट से पता चलेगा।
दबी हुई नस खोलने के उपाय
आयुर्वेद में दबी हुई नस खोलने के उपाय कई तरह के उपचार किया जाता है, खासतौर पर चूना, पान, हरसिंगार की पत्तियां दबी नस को खोलने के लिए उपयोग किया जाता है। मेथी भी दबी हुई नस खोलने के लिए उपयोगी है
1. दबी हुई नस खोलने में मेथी का बीज है लाभकारी
यह दबी हुई नस खोलने के लिए मेथी के बीजों का इस्तेमाल करें। मेथी के बीजों इस्तेमाल करने के लिए मेथी के बीजों को रातभर पानी में भिगोकर रखें। सुबह उठकर पानी को छान कर दबी नस से प्रभावित हिस्से पर अच्छी तरह लगा लें फिर किसी सूती कपडे से बांध लें इसे 2 से 3 घंटे तक पट्टी बांधकर रखें। इससे दबी हुई नस खोलने के लिए बेहतर उपाय माना जाता है।
2. हरसिंगार की पत्तियों से दबी हुई नस खोलें
आपको दबी नस को खोलने के लिए हरसिंगार की पत्तियां लेनी है यह काफी फायदेमंद हो सकती हैं। फिर आपको परिजात की पत्तियों को पानी में अच्छे से उबाल लें। पानी गुनगुना होने पर इस पानी से दबी हुई नस वाली जगह पर अच्छे से सिंकाई करें।
3. चूना से दबी हुई नस खोलने का उपाय
इस दबी हुई नस खोलने के लिए चूना लें और पान के पत्तों को हल्का गर्म करें। फिर थोड़ा चूना लगाकर दबी हुई नस वाली जगह पर पट्टी की तरह लगाएं। कुछ समय बाद इसके बाद इसे खोल लें। इसे 2 से 3 घंटे तक पट्टी बांधकर रखें। इससे दबी हुई नस खोलने के लिए बेहतर उपाय माना जाता है।
दबी हुई नस के लक्षण
आमतौर पर दबी हुई नस के लक्षण यह है की जब नसों में छोटे वाल्व कमजोर हो जाते हैं तो वैरिकाज़ नसें विकसित हो सकती हैं। ये वाल्व आमतौर पर रक्त को नसों के माध्यम से पीछे की ओर बहने से रोकते हैं, और जब वे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं तो रक्त नसों में जमा हो सकता है। इससे मुड़ी हुई और सूजी हुई नसें हो जाती हैं जो बहुत दिखाई देने लगती हैं। उनके लक्षण में गहरे नीले या बैंगनी रंग की उपस्थिति के कारण वैरिकाज़ नसें ध्यान देने योग्य हो सकती हैं, वे अक्सर त्वचा के नीचे से भी निकल जाती हैं। वैरिकाज़ नसों के अन्य लक्षणों में व दबी हुई नस के लक्षण यह हैं।
- पैरों में जलन या धड़कन की अनुभूति
- असहज पैर जो भारी या दर्द महसूस करते हैं
- मांसपेशियों में ऐंठन जो रात में अधिक ध्यान देने योग्य हो सकती है
- पैरों और टखनों में सूजन
- सूखी या खुजली वाली त्वचा जो वैरिकाज़ नस के ऊपर पतली दिखाई देती है