आज हम यहाँ दबी हुई नस का आयुर्वेदिक इलाज के बारे में चर्चा कर रहे हैं जिसमें आपको रीढ़ की हड्डी की दबी हुई नसों का इलाज और दबी हुई नस खोलने का घरेलू उपाय पढने को मिलेंगे व नस खोलने की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि भी बताने वाले हैं जिसके बारे मैं जानने के लिए आप बिलकुल सही जगह पर है यहाँ आप बारीकी से व पढने योग्य बातें जानेंगे जिसके आपको बहुत से फायदे मिलने वाले हैं।
दबी हुई नस का आयुर्वेदिक इलाज
आयुर्वेद में दबी हुई नस का इलाज करने के लिए मेथी का काफी ज्यादा प्रयोग किया जाता है दबी हुई नस का आयुर्वेदिक इलाज के लिए आपको मेथी के बीजों लेना है और पानी में भिगो देना है इसके बाद इसको ब्लैंड करके अच्छे से पेस्ट बनाना है फिर जहाँ पर आपकी नस दबी हुई है उस हिस्से परलगाना है दबी हुई नस को खोलने के लिए यह सबसे आसान उपाय है या फिर आपको हार सिंगार का पौधा, जिसको को पारिजात भी कहा जाता है। इसके पत्तों को पानी में उबालकर लगातार सेवन करने से भी दबी हुई नस को खोलने में मदद मिलती है।
रीढ़ की हड्डी की दबी हुई नसों का इलाज
आपके लिए दबी हुई नस के लिए सबसे अधिक अच्छा इलाज प्रभावित क्षेत्र के लिए आराम है। आपका डॉक्टर आपको ऐसी किसी भी गतिविधि को रोकने के लिए कहेगा जो संपीड़न का कारण बनती है या बढ़ जाती है। दबी हुई नस के स्थान के आधार पर, आपको क्षेत्र को स्थिर करने के लिए एक पट्टी, कॉलर या ब्रेस की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी की दबी हुई नसों का इलाज में ऊपर लिखा नुस्खा भी पूरा काम करेगा।
दबी हुई नस खोलने का घरेलू उपाय
दरअसल जब नसों में छोटे वाल्व कमजोर हो जाते हैं तो वैरिकाज़ नसें विकसित हो सकती हैं। ये वाल्व आमतौर पर रक्त को नसों के माध्यम से पीछे की ओर बहने से रोकते हैं, और जब वे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं तो रक्त नसों में जमा हो सकता है। इससे मुड़ी हुई और सूजी हुई नसें हो जाती हैं जो बहुत दिखाई देने लगती हैं। जिसमें आपको कुछ ऐसे लक्षण दिखने को मिल सकते हैं।
- पैरों में जलन या धड़कन की अनुभूति
- असहज पैर जो भारी या दर्द महसूस करते हैं
- मांसपेशियों में ऐंठन जो रात में अधिक ध्यान देने योग्य हो सकती है
- पैरों और टखनों में सूजन
- सूखी या खुजली वाली त्वचा जो वैरिकाज़ नस के ऊपर पतली दिखाई देती है
- नस खोलने की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि
ऐसे में आपको दबी हुई नस को खोलने के लिए घरेलु उपाय में पान वाला चूना काम आएगा इस चूने को पानी, दही, लस्सी या जूस में किसी एक साथ अच्छे से मिलाएं व दिन में चुटकी भर चूना का प्रयोग करना है इस बात का ध्यान रखें कि सुबह- सुबह खाली पेट इस नुस्खे न करें जो आपकी दबी हुई नस को खोलने में मदद करेगा।