यदि आप भी मुक्ता वटी खा रहे हैं तो जान लें की मुक्ता वटी कितने दिन में असर करती है और दिव्य मुक्ता वटी के फायदे व नुकसान क्या क्या है मुक्ता वटी के घटक बहुत प्रभावशाली हैं जो की पतंजलि के अलावा बैद्यनाथ मुक्ता वटी भी मार्किट में उपलब्ध है शुरू करने से पहले आपको बता दें कोई भी दवा लेने से पूर्व आप अपने संबधित विशेषज्ञ से संपर्क जरूर करें ताकि आप जोखिम से बच सकें यह केवल जानकारी हेतु उपयोग किया जाना चाहिए। यहाँ दी गई जानकारी इंटनेट से इकट्ठा किया है जो उचित है वह लिखा गया है। आपके केश में आपकी बीमारी भिन्न हो सकती है।
मुक्ता वटी कितने दिन में असर करती है
यह मुक्ता वटी एक आयुर्वेदिक दवा है इससे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग , कोलेस्ट्राल, चिन्ता, तनाव, बी.पी., अनिद्रा, घबराहट, छाती व सिर दर्द में उपयोग किया जाता है इसके सेवन से मात्र 2 से 3 महीनो में दिखता है मुक्ता वटी 30 से 90 दिनों के बाद अपना असर दिखाना सुरु करती है साथ यह मुक्ता वटी आपके तमाम रोगों से निजात दिलाने का प्रोसेस शुरू कर चुकि होती है इस आयुर्वेदिक मुक्ता वटी का सेवन करने से आपको ज्यादा कोई नुकसान नहीं होता है इस्तेमाल से पूर्व आपको जाँच करके इस्तेमाल करना चाहिए। आपको मुक्ता वटी का उपयोग दो दो गोली खाली पेट दोनों समय लेना उचित बताया गया है।
दिव्य मुक्ता वटी के फायदे व नुकसान
आप रोजाना दिव्य मुक्ता वटी का सेवन कर रहें हैं तो इससे चिड़चिड़ापन को दूर किया जा सकता है। व अनिद्रा से पीड़ित रोगियों के लिए लाभ मिलता है। यह आपके उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में फायदे देता है। इसके नुकसान की बात करें तो आपको इसके कुछ नुकसान हो सकते हैं। इससे आपको सिरदर्द, सुस्ती जैसी समस्याएं, मुँह सूखना, सांस लेने में तकलीफ जैसे नुकसान हो सकते हैं यह मुक्ता वटी बच्चों के लिए बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है ख़ास तौर पर स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए यह हानिकारक हो सकता है इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करके इसका सेवन करना चाहिए।
क्या है मुक्ता वटी के घटक
इस औषधि में आयुर्वेदिक घटकों का उपयोग किया गया है यह सामग्री आपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर या सम्बंधित जगह पर मिल सकती है मुक्ता वटी के घटक निम्ननलिखित दिए गए हैं।
- गजवा (ओनोस्मा ब्रैक्टेटम)
- ब्राह्मी (बाकोपा मोनिएरी)
- शंखपुष्पी (कन्वोल्वुलस प्लुरिकाउलिस)
- घोडबैक (एकोरस कैलामस)
- अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा)
- मलकांगनी (सेलास्ट्रस पैनिकुलेटस)
- सौंफ (फोनीकुलम वल्गारे)
- पुष्करमूल (इनुला रेसेमोसा)
- उस्तेखद्दुस ( लैवंडुला स्टोचस)
- जटा मासी (नारडोस्टैचिस जटामांसी)
- सर्पगंधा (राउवोल्फिया सर्पेंटिना)
- मुक्ता पिष्टी (मुक्ता पिष्टी)
- गम बबूल, एरोसिल,
- टैल्कम के महीन चूर्ण
बैद्यनाथ मुक्ता वटी
पतंजलि की मुक्ता वटी की तरह ही यह बैद्यनाथ मुक्ता वटी भी कार्य करती है इसका कार्य भी वैसा ही है यह दवा आपको बिना डॉक्टर के पर्चे के भी मिल जाएगी आप इसे आसानी से आयुर्वेदिक स्टोर से खरीद सकते हैं बैद्यनाथ मुक्ता वटी से कैल्शियम की कमी, सूखा रोग, मतली और उल्टी, गाउट , गठिया, जोड़ों में दर्द जैसी समस्याओं में आपको निजात दिलाता है आपको १ गोली से इसका सेवन करना चाहिए। किसी भी प्रस्तिथि में डॉक्टर की सलाह मान्य होगी।