सुगंधबाला यानी कि तगर कस्तूरी की तरह खुशबू देने वाला एक पौधा होता है। सुगंधबाला आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है इसके समान्य रोगों में फायदे होते हैं । आज हम आपको सुगंधबाला के फायदे के बारे में चर्चा करेंगें जिसमें आप जानेंगे कि सुगंधबाल क्या है इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है और कौन कौन सी बीमारियों में फायदे होते हैं।
सुगंधबाला क्या है
आर्युवेद में चमत्कारी गुणों को लेकर माना जाने वाला यह सुगंधबाला की ऊंचाई 1 मी तक होती है, यह सीधा होता है जो की शाकीय पौधा होता है। सुगंधबाला की जड़ 42.5-50 सेमी तक लम्बी हो सकती ai जो 6 मिमी मोटी रहती है, दिखने में यह चिकनी रहती है, इसका रंग भूरा होता है। इससे एक बेहतरीन सुगंध निकलती है जो की सुगंध कस्तूरी के जैसी होती है। इसकी तासीर भी ठंडी होती है।
आर्युवेद में इसे बहुत सी बिमारियों को ठीक करने में उपयोग किया जाता है लेकीन इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकता है हालांकि यह जड़ी बूटी से ज्यादा कोई नुकसान नहीं है यदी आप इसका अधिक उपयोग करते हैं तो आपको एलर्जी, खुजली, उल्टी जैसी समस्या पैदा हो सकती है।
सुगंधबाला के फायदे
आमतौर पर सुगंधबाला को शराब छुड़ाने , उल्टी से राहत दिलाने के लिए, बुखार ठीक करने जैसी बिमारियों को ठीक करने में फायदे होते हैं इसके अलावा कई सारे मार्जों में इसके फायदे होते हैं जैसे कि -
- उल्टी से दिलाये राहत सुगन्धबाला
- अतिसार या दस्त में फायदेमंद सुगन्धबाला
- प्यास की परेशानी करे कम सुगन्धबाला
- पेचिश या दस्त से दिलाये राहत सुगन्धबाला
- बवासीर के दर्द से दिलाये आराम सुगन्धबाला
- हर्पिस में फायदेमंद सुगन्धबाला
- मदीरा पीने की लत कम करने के लिए राहत देता सुगन्धबाला
- स्मॉल पॉक्स करे कम सुगन्धबाला
- बुखार को करे कम सुगन्धबाला
- मकड़ी का विष करे कम सुगन्धबाला
सुगंधबाला यानी तगर के उपयोग
तगर का उपयोग आयुर्वेद के अंदर योनि रोग (योनी का दर्द) में फायदा पहुंचाता है यह गले के रोग में फायदेमंद है तगर के सेवन से मूत्र रोग का इलाज किया जाता है आंखों की बीमारी में तगर रामबाण है मासिक धर्म विकार को दूर करने जैसी शारीरिक बिमारी में उपयोग किया जाता है।