बैद्यनाथ सुंदरी कल्प के फायदे : आपको हम आज यहां वैजनाथ सुंदरी कल्प के फायदे और जानकारी देने वाले हैं आपको बता दें यह सुंदरी कल्प सिरप महिलाओं के होने वाली मासिक धर्म और श्वेत प्रदर रक्त प्रदर गर्भाशय पांडू आदि समस्याओं में लाभकारी है यह इन सभी समस्याओं से आपको निजात दिला सकता है सुंदरी कल्प में बहुत सी घटक मिलाकर के यहां तैयार किया जाता है जो कि एक आयुर्वेदिक सिरप है आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं हालांकि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है लेकिन हम आपको यही सलाह देंगे डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही आप किसी भी दवा का प्रयोग कर सकते हैं तो चलिए जानते हैं सुंदरी कल्प सिरप के बारे में कुछ जरूरी जानकारी।
बैद्यनाथ सुंदरी कल्प के फायदे
यह आपके लिए रामबाण औषधि साबित हो सकता है जिन महिलाओं के पुराने रुके हुए पीरियड्स नियमित रूप से नहीं होते हैं या रुक जाते हैं या फिर शरीर में दर्द थकान बदन दर्द और आपको चिड़चिड़ापन रहता है कमजोरी आदि रहती है तो यह सुंदरी कल्प सिरप आपके लिए फायदे देता है साथी इससे आपकी आंखों की जलन वह तलवों की जलन सिर का भारी रहना पेट का दर्द जैसी समस्याओं से निजात मिलता है इसका आप नियमित सेवन करते हैं जिन महिलाओं को श्वेत प्रदर, गर्भाशय या रक्त प्रदर, हिस्टीरिया, प्रमेय, मूत्रघात जैसी समस्याएं होती हैं उसके लिए भी लाभकारी होता है आपको इसे एक से दो चम्मच दोनों समय भोजन करने के बाद पानी में घोलकर के पीना चाहिए ऐसा आपको अनियमित 1 सप्ताह तक करने पर आपकी सारी समस्याएं हो सकती हैं।
सुंदरी कल्प सिरप के बारे में जानकारी
दरअसल सुंदरी कल्प एक आयुर्वेदिक औषधि के हाथों में सुरक्षित गर्भाशय टॉनिक मानी जाती है इससे प्राकृतिक रजोनिवृत्ति का पूरक भी कहा जाता है जो रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में आपको लाभ देता है इससे आपके मासिक चक्र को नियमित रूप से सुचारू रखने पर यह मदद करता है इसका सेवन करने से महिलाओं में ताकत और सहनशक्ति का बढ़ा हुआ होता है सुंदरी कल्प एक टॉनिक है जो आपको एनर्जी बूस्टर का भी कार्य करता है सुंदरी कल्प का सेवन करने वाली महिलाएं अक्सर स्वस्थ एवं फिट रहती है इससे आपके मासिक धर्म में होने वाले पीड़ा से भी निजात मिलता है।
सुंदरी कल्प सिरप में यह घातक शामिल हैं
आयुर्वेद में अक्सर इस्तेमाल किया जाने वाला यह सिरप इन घटकों से तैयार किया जाता है जैसे की – अशोक छाल, लोध्र छाल, चीनी, गुड़, धाय के फूल, मुनक्का, सफ़ेद जीरा, नागरमोथा, सौंठ,दारुहल्दी, कमल फूल , हरड़ , बहेड़ा , आँवला , आम की गुठली की मींगी , केशर , वासा -मूल , सफ़ेद चन्दन , रसौत , पतंगकाष्ठ , खदिर -काष्ठ , बेलगिरी , सेमल के फूल , खरैंटी के पंचांग , शुद्ध भिलावा , अनंतमूल , गुड़हल के फूल , दालचानी , बड़ी इलायची, लौंग आदि के सयोंग से बनाया जाता है।