साइबर कानून |
वर्तमान समय मैं साइबर क्राइम के मामलों मैं दिन प्रति दिन इजाफा होता जा रहा है हर दिन लाखों ब्यक्ति इसका शिकार बनते जा रहे हैं। साइबर क्राइम के चलते भोले-भाले लोग इसका लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
साइबर क्राइम से बचने के लिए सरकार द्वारा कुछ कानून बनाये गए है जिनकी जानकारी आपको होना बेहद आवश्यक है, आप ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हो सोशल मीडिया पर लुभावने बिज्ञापन और पोस्ट देख रहे हो अगर आपको साइबर क्राइम के बारे मैं पत्ता नहीं है तो आपकी जेब कब खाली हो जाएगी आपको पत्ता भी नहीं चलेगा।
साइबर कानून क्या है
साइबर कानून यह है जब इंटरनेट पर मौजूद दस्तावेजों को मान्यता देता है, जिसमें आपके लेन-देन सम्बन्धी ढांचे को प्रावधान के तहत बांधे रखता है और साइबर अपराधों की जाँच कर उनको क़ानूनी ढांचे मैं मान्यता देता है यह सूचना तकनीकी कानून, 2000 के अंतर्गत साइबरस्पेस सम्बन्धी पप्रावधान है साइबर कानून के अंतर्गत आने वाली कुछ सूचियां निम्नलिखित हैं।
- साइबर कानून मैं कंप्यूटर समबन्धी छेड़छाड़ के लिए -धारा 65 रखा गया है
- कंप्यूटर मैं हैकिंग करने डाटा चुराने सम्बंधित साइबर कानून की धारा 66 को लागु किया जा सकता है।
- संवाद सेवाओं द्वारा प्रतिबंधित सूचनाओं / सेवाओं को भेजने सम्बन्धी दंड प्रावधान साइबर कानून मैं धारा 66 A मैं रखा गया है।
- इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे कंप्यूटर गैजेट्स फ़ोन चोरी करने पर साइबर कानून द्वारा धारा 66 B मैं रखा गया है है।
- साइबर कानून मैं धारा 66 C किसी भी ब्यक्ति की पहचान समबन्धी जानकारी हासिल करना चोरी करना रखा गया है
- किसी ब्यक्ति का डाटा चोरी करने प्रावधान साइबर कानून के अंतर्गत धारा 66 D मैं उल्लेखित है।
- किसी की भी निजी सामग्री भंग करने पर साइबर कानून के अंतर्गत धारा 66 E लागु होगी।
- साइबर आतंकवाद के लिए दंड का प्रावधान धारा 66 F लागु होगा।
- आपत्तिजनक सूचनाओं, सामग्री प्रकाशित करने पर साइबर कानून प्रावधान धारा 67 मैं उल्लेखित है।
- इंटरनेट पर अश्लील कंटेंट प्रकाशित करने पर साइबर कानून के अंतर्गत धारा 67 A लागु किया जाता है।
- इंटरनेट पर या वीडियो मैं बच्चों को नग्न अवस्था या अश्लील हरकते करते दिखाए जाने पर साइबर अपराध के धारा 67 B लागु किया जायेगा।
- mediators द्वारा सूचनाओं को बाधित करने या रोकने के लिए साइबर कानून मैं दंड का प्रावधान-धारा 67 C मैं है।
- किसी भी कंप्यूटर की सुरक्षा तोड़ने और उसपे अपना अधिकार ज़माने पर धारा 70 साइबर कानून मैं लागू किया जायेगा।
- किसी के द्वारा गलत आंकड़े और गलत जानकारी पहुंचने पर साइबर कानून धारा 71 लागू किया जायेगा।
भारतीय दण्ड संहिता में साइबर क्राइम संबंधित प्रावधान
भारतीय दण्ड सहिंता के अंतर्गत साइबर क्राइम करने वालों के लिए कुछ धाराएं रखी गई हैं जिनमे से कुछ का उल्लेख भारतीय दण्ड सहिंता के अंतर्गत निम्नलिखित है।
- ईमेल द्वारा धमकी भरे सन्देश भेजना – धारा 503
- ईमेल पर मानहानि करने वाले संदेश भेजने पर –धारा 499
- fake इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का इस्तेमाल करने पर – धारा 463
- फर्जी वेबसाइट बनाना और फ्रॉड कार्य को अंजाम देना – धारा 420
- चुपके से किसी की ईमेल पर नजर रखना – धारा 463
- हथियारों की ऑनलाइन बिक्री करना – आर्म्स एक्ट
साइबर सेल क्या है
साइबर सेल का कार्य इंटरनेट पर यानि इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से हो रहे अपराधों का पर्दाफाश करना और अपराधियों को उचित कार्यवाही कर इसे रोकने मैं कारगर साबित होती है साइबर सेल तम्माम उन हैकर, फ्रॉड गैंग्स, इंटरनेट पर अश्लीलता फैलाने वाले गिरोह, साइबर अपराध करने वाले आतंकवादियों को पकड़ा और साइबर अपराध को रोकना साइबर सेल का काम है।
साइबर क्राइम की सजा क्या है
साइबर क्राइम की सजा यह है की कोई व्यक्ति अथवा संघठन के डेटा चोरी करने पर और उसका द्रुपरुपयोग की मंशा रखने पर आपको साइबर क्राइम की सजा कानून 2008 की धरा 43B, 66E, 67C, 379,405,420 के अंतर्गत 3 साल तक की जेल या जुर्माना भरना पड़ सकता है।
अगर आपने अगर चाइल्ड पोर्नोग्राफी करते पकडे गए और आप इसे देख रहे है एवं पढ़ रहे हैं तो यह अवैध है जिसके चलते आपको 7 साल की सजा और 10 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकती है।
साइबर अपराध की शिकायत कहाँ करें।
अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है तो आप तुरंत इसकी जानकारी नजदीकी साइबर पुलिस या पुलिस को दीजिये या फिर आप cybercrime.gov.in पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करें।
cybercrime.gov.in पर आपको अलग अलग बिकल्प मिल जाते है यहाँ आप शिकायत दर्ज करें र अंडरटेकिंग पेज पर एक्सेप्ट बटन को दबाकर स्वीकार करें, जिसमे आप अपना मोबाइल नंबर ईमेल और नाम सही सही भरे मोबाइल सत्यापन के लिए OTP आएगा उसको भरने के बाद सारी जानकारी सेव कर दीजिये।
जानकारी दर्ज करने के बाद आपको मोबाइल और ईमेल पर शिकायत की अपडेट मिलती रहेगी।